प्रेम
मेरे दिल की गहराई का, पता लगाने आयी थी
मेरे अंतस में है क्या, यह भेद जानने आयी थी
मेरे अंतस में है क्या, यह भेद जानने आयी थी
कुशल बड़ी तैराक थी लेकिन, काम कुशलता न आयी
डूब गयी वो मुझ दरिया में, जिसकी आँखे खुद सागर थी।
गूढ़ बहुत हैं प्रेम की बातें, लाभ - हानि सब भूल गया
किसी की कश्ती पार लगी, कोई मझधार में डूब गया
किसी की कश्ती पार लगी, कोई मझधार में डूब गया
जीवन के उज्जवल पृष्ठों पर, फिर भी प्रेम लिखा जाता है
किसी ने साथ निभाया हो, या बीच राह में छूट गया।
खेल प्रेम का बड़ा निराला , हार - जीत का निर्णय ऐसा
कोई हार के जीत गया, तो कोई जीत के हार गया
कोई हार के जीत गया, तो कोई जीत के हार गया
और कई दफे ऐसा भी हुआ है यारो प्यार की बाज़ी में
हर बाज़ी जीती उसने ही, जो प्रतिद्वन्दी से हार गया।
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