Wednesday 8 November 2017

मेरी तकदीरों में है

मेरी तकदीरों में है

मेरे कल में, आज में जो है,
मेरे हर एहसास में जो है,
रूह में बस बैठा जो मेरे,
दिल की हर धड़कन में जो है,
साँसों के आने जाने में,
सरगम बनकर जो है बसता,
जिसको मैंने अपना माना,
जो मेरी तकदीरों में है |

जिसने मेरी नींद चुरायी,
खुली पलक में रहता है,
बंद अगर आँखें कर भी लूं ,
चेहरा जिसका दीखता है ,
मेरी हर कविता में केवल,
जिक्र उसी का रहता है,
जिसको मैंने प्यार किया है ,
जो मेरी तकदीरों में है |

मेरे हर अलफ़ाज़ में है,
ख़्वाबों की तहरीरों में है ,
वक़्त ने जिसको दूर किया कल,
वो अब भी तस्वीरों में है ,
मौसम कितने क्यूँ न बदले,
आज तलक जो कभी न बदला,
जिसको मेरे दिल ने चाहा,
वो मेरी तकदीरों में है |


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