Monday 13 November 2017

बाल दिवस पर..


रोशनी और रोहित क्रमशः कक्षा ६ और ८ में पढ़ते हैं | आज भी अपने पापा की बाइक पर बैठ कर स्कूल जा रहे हैं | उनको बताया गया है कि आज स्कूल में फंक्शन होंगे और बच्चों के लिए मस्ती के कई आयोजन होंगे | रोज मुँह लटकाकर स्कूल जाने वाले दोनों बच्चों का चेहरा आज इतना खिला था कि उनको न तो आज जगाने की मशक्कत करनी पड़ी और न ही तैयार करने की | केवल फर्स्ट हाफ सेशन की किताबों से भरा बैग भी आज बहुत ही हल्का लग रहा था | स्कूल पहुँचने पर दोनों को याद आया कि उन्होंने तो क्लास टीचर का दिया होमवर्क पूरा ही नही किया है | अब दोनों बच्चे रोने लगे थे |

स्कूल में प्रार्थना सभा में आज होने वाले कार्यक्रमों का विवरण दिया गया | असेंबली में बताया गया कि आज क्लास में कोई होमवर्क चेक नहीं होगा और न ही कोई होमवर्क दिया जाएगा | कक्षा ५ का सबसे शरारती बच्चा दुखी था क्योंकि अब दो दिनों तक उसे किसी और बच्चे को होमवर्क के लिए तंग करने का मौका नहीं मिल पायेगा | स्कूल में उसका सबसे पसंदीदा काम यही था | उसके बगल बैठने वाले दोनों बच्चों के चेहरों पर आज कई दिनों बाद मुस्कान आयी |

इंटरवल के बाद बड़े बच्चों को ‘साइंस सिटी’ ले जाया जाएगा | सुनते ही रौशनी ख़ुशी से उछल पड़ी | उसने अपने पापा से कई बार ‘साइंस सिटी’ जाने की बात की थी | पर उसके पापा किसी न किसी बहाने टाल जाते | हकीक़त में उनके पास न तो एक्स्ट्रा खर्च करने की क्षमता थी और न ही समय | रोहित को कोई दिलचस्पी नहीं थी | पिछले कई सालों से छठी, सातवीं और आठवीं के बच्चो को आज के दिन साइंस सिटी ले जाया जाता था | उसने सडा – सा मुँह बना लिया |

कक्षा ५ तक के बच्चों के लिए स्कूल में ही फेयर लगेगा | सुनकर अकरम की बेताबी और बढ़ गयी | उसको विज्ञान से बेहद लगाव था | क्लास में उसने अपनी क्लास टीचर मिस सुरेखा से जब अपनी तमन्ना बतायी तो उन्होंने प्रिंसिपल से बात करने का आश्वाशन दिया | प्रिंसिपल ने अकरम को जाने की परमिशन दे दी |
शाम को अकरम नेअब्बू से कहा – चाँद नहीं डूबता कभी | आज मैंने साइंस सिटी में मूवी में सुना |
अकरम की उसके अब्बू ने पिटाई कर दी |

रोशिनी और रोहित घर वापस आ गए थे | रोशिनी ‘साइंस सिटी’ के अनुभवों को अपनी माँ से साझा कर रही थी | रोहित अपने पापा से अगले साल किसी दूसरे स्कूल में एडमिशन करवाने को कह रहा था | वहाँ बाल दिवस पर हर साल अलग – अलग जगह ले जाया जाता था | आज पहली बार माँ - बेटी की किस्सागोई में माँ को पहले नींद आ गयी | रोशनी खुश थी | बहुत खुश |

रोहित की बात उसके पापा को समझ आ रही थी | उन्होंने सुबह बात करने की बात कही और उसको सो जाने को बोलकर खुद सो गए | सुबह रोशनी की माँ से उन्होंने कहा – रोशनी ने बहुत पढ़ लिख लिया है | इसको घर के काम सिखाओ | अगले साल से रोशनी स्कूल नहीं जाएगी |


( मित्र गुड्डू को संपादन कार्य के लिए आभार सहित)
©नितिन चौरसिया

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