इंसान बना जाये
रोज तेरे साथ होना जरूरी तो नहीं
जरूरी है कि रोज तुझसे बात किया जाये |
सवेरे अखबार की सुर्खियाँ जरूरी नहीं
पर जरूरी है कि तेरा हाल लिया जाये |
जिन रास्तो से तू गुजरे शायद ही मैं उनपे मिलूँ
पर जरूरी है कि मुलाक़ात किया जाये |
राह चलते, नज़रें मेरी, खोजती तुझको फिरें
क्यों न किसी मोड़ पे दुआ-सलाम किया जाये ?
शाम की खामोशियों को ख़त्म करने के लिए
क्यों न कभी खुद से भी कुछ बात किया जाये ?
तेरा जिक्र, मेरे नाम में है खुद-ब-खुद
ये नाम हर जुबान पे हो कुछ ऐसा काम किया जाये |
घूमकर दुनिया को देखा तब मुझे आया समझ
पूरी दुनिया को ही खुद का कुनबा समझा जाये |
मेरा देश? मेरा धर्म? मेरा ईमान क्या?
इन सबसे दूर मुझको एक इंसान समझा जाये |
चार दिन का शोरगुल है ये जिन्दगी
कुछ तो करो ऐसा कि इतिहास लिखा जाये |
भगवान-हैवान तुझको तेरे कर्म बनाते
कोशिश हमेशा ये रहे कि इंसान बना जाये |
१० अगस्त २०१६
०६:३४ प्रातः
Lajabab
ReplyDeleteLajabab
ReplyDeleteअति सुंदर !👌
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