चुप-चुप चुप-चुप बैठी है न आँख उठाये है
नज़र कहीं मिल जाये तो हाय शरमाये है
हौले-हौले पग धरती है घूँघट दो बीते का
सर से पल्लू सरक न जाये वो घबराये है
नन्हे-मुन्ने बच्चे चाची-चाची करते हैं
नन्हे-मुन्ने बच्चों पर वो प्यार लुटाये
है
छोटा राजन भाभी-भाभी करता आता है
छोटे राजन को भी अपने पास बिठाये है
(गूगल इमेज से साभार)
बड़की बहू आज हमारे घर में आयी है
कुँवर हमारे आज ही उसको ब्याह के लाये हैं
छोटी अपने भाई को घर भर में ढूँढ रही
न जाने क्यूँ कुँवर हमारे बाहर जाये हैं
(गूगल इमेज से साभार)
देर शाम जब कुँवर हमारे घर में आये तो
छोटे राजन के पापा उनको चिल्लाये हैं
बड़े दिनों के बाद ये खुशियाँ घर में आई
हैं
‘वो’ भी घर में कदम धरें तो खांसे जाये
हैं
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